एक दिन मैं अपने कमरे में खिड़की के पास बैठ कर पढाई कर रहा
था कि मैंने देखा कि सामने हॉस्टल से एक लड़की मेरी तरफ देख रही हैं। मैंने
उसे देखा तो वो थोड़ा मुस्कुरा दी। बस मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया और मैंने
पैंट के ऊपर से ही अपने लंड पर हाथ रख कर दबा दिया। वो लड़की बड़े ध्यान से यह
सब देख रही थी तो मैं समझ गया कि इसकी बुर भी चुदाई के लिए तड़प रही हैं और
अगर मैं इसे पटा लूँ तो मैं भी बुर चोद सकता हूँ ! मैंने उसे हाथ दिखा कर
इशारा किया तो वो शरमा कर हँस पड़ी। फिर मैं नीचे गया सिग्रेट पीने के लिए।
जैसे ही मैं दुकान पर पहुँचा, मैंने देखा कि वो लड़की हॉस्टल के गेट पर खड़ी
थी। मैं उसके पास गया और पूछा- आपका नाम क्या है? तो वो बोली- अनीषा ! मैंने
कहा- आप अपने नाम की तरह ही खूबसूरत हो..! फिर उसने बताया कि वो पढ़ रही है और
दोस्त बनाने में विश्वास करती है। तो मैंने कहा- अब तो हम भी दोस्त हो गए !
तो उसने फट से अपना हाथ आगे बढ़ा दिया, मैंने उसका हाथ पकड़ कर दबा दिया तो वो
बोली- आपका हाथ तो बहुत गर्म है, आपको बुखार है क्या? तो मैंने झट से कहा-
हाँ जानेमन ! और यह बुखार तो अब तुम ही शांत कर सकती हो ! तो वो बोली- यहाँ
करोगे क्या अपना बुखार शांत? मैंने पूछा- क्या कहा ? तो वो मेरी पैंट की तरफ
देखते हुए बोली- अपना बुखार यहीं शांत करोगे क्या? मैंने कहा- तो तुम बताओ कि
मैं क्या करूँ? वो बोली- पास में ही एक होटल है, जहाँ आसानी से कमरा मिल जाता
है। मैं समझ गया कि आज यह भी चुदासी हो रही है और चोदने का मजा आ जायेगा !
हमने ऑटो लिया और होटल में जाकर पति-पत्नी की तरह कमरा बुक किया ! जैसे ही
कमरे में गए, मैंने कुण्डी बंद कर ली और उसे बाहों में उठा लिया। उसके चूची
मेरे होटों के पास छू रही थी तो मैंने ऊपर से ही अपने होठों में दबा लिया, वो
"आह कर उठी।" मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और सलवार का नाड़ा खींच दिया, उसकी
सलवार नीचे सरक गई। मैंने देखा कि उसकी जांघें बहुत ही मुलायम थी। मैं उन्हें
सहलाने लगा और धीरे धीरे उसकी चूत के पास पहुँच गया मेरा हाथ ! मैंने देखा कि
उसकी पैंटी आगे से गीली हो चुकी थी। मैंने अपने होंठों में उसके पैंटी की
एलास्टिक को पकड़ा और नीचे खींच दी एक झटके में ! उसने अपनी आँखे बद कर ली।
फिर मैंने उसे उठाया और नीचे खड़ा कर दिया। अब मैंने उसकी कमीज उतार दी। उफ़
…..उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी, उसके चुचूक फड़फड़ा उठे ! मैंने तुरंत ही
दोनों चूचियों को दोनों हाथों में पकड़ कर दबा दिया ! क्या नर्म-नर्म चूचियाँ
थी उसकी… ऐसा लग रहा था जैसे मैं रुई को पकड़ कर दबा रहा था ! उसके हाथ फड़फड़ा
रहे थे ! अब मैंने उसे ऊपर से नीचे तक देखा ! वो पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी
थी ! मेरा लौड़ा अन्दर ही अन्दर फड़फड़ा रहा था ! फिर मैंने कहा- जान, मुझे नंगा
नहीं करोगी क्या? उसने मेरी पैन्ट उतार दी और मेरा जांघिया नीचे सरका दिया !
अब मेरा लंड उसके सामने था, मेरा लंड फनफना गया था ! अनीषा नीचे बैठ गई घुटने
के बल और अपने होठों में लंड पकड़ कर चूसने लगी। अनीषा- तुम्हारा लंड तो बहुत
नमकीन है ! मैंने कहा- तुम्हारी चूत भी तो बहुत खुशबू दे रही है ! मेरे होठों
से उफ़..आह…आह…ओह.. निकल रहा था, उसने सुपारे को पूरी तरह चाट लिया था। अब
मेरा माल निकलने वाला था और मैं चाहता था कि मैं भी बुर चूसूँ ! बस मैं
बिस्तर पर लेट गया और हम 69 में आ गए ! अब मेरा लंड उसके मुंह में उसकी चूत
मेरे होठों पर थी, मैं उसकी बुर के दाने को होठों के बीच पकड़ कर चूसने लगा !
वो कराह उठी- और जोर से चूसो राज ! मैंने कहा- हाँ मेरी जान ! आज तो तेरी चूत
का बाजा बजा ही दूंगा ! फिर मैंने उसे पटक दिया नीचे… और उसकी टांगों को फैला
दिया ! अब उसकी गुलाबी चूत मेरी आँखों के सामने थी। मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी
चूत में रख कर अन्दर करने की कोशिश की तो ऊँगली फिसल गई! मेरी समझ में आ गया
कि इसकी बुर कुंवारी हैं और मुझे इसे आराम से पेलना होगा। मैंने उससे पूछा-
क्या तुम्हारे पास कोल्ड क्रीम है? उसने कहा- मेरे पर्स में है। मैंने पर्स
के क्रीम निकाली और अपने हाथ में लेकर अपने सुपारे पर लगाई और उसकी बुर में
भी ! अब मैंने ऊँगली डाली उसकी चूत के अन्दर तो वो अन्दर चली गई। मैंने अपना
लंड पकड़ा और दबा दिया उसकी चूत पर रख कर ! आह….माँ ! मैं मर गई ! उसके मुँह
से चीख निकल गई। मैंने उसका मुँह दबाया और लगातार अन्दर पेलता रहा। उसकी बुर
फट गई थी और उसमें से खून निकल रहा था। मैंने उसके दर्द की परवाह नहीं की और
चोदता रहा। थोड़ी देर में उसका दर्द कम हो गया और वो भी गांड उठा-उठा कर
चुदवाने लगी। काफ़ी देर की चुदाई के बाद हमारा माल एक साथ निकल गया।
था कि मैंने देखा कि सामने हॉस्टल से एक लड़की मेरी तरफ देख रही हैं। मैंने
उसे देखा तो वो थोड़ा मुस्कुरा दी। बस मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया और मैंने
पैंट के ऊपर से ही अपने लंड पर हाथ रख कर दबा दिया। वो लड़की बड़े ध्यान से यह
सब देख रही थी तो मैं समझ गया कि इसकी बुर भी चुदाई के लिए तड़प रही हैं और
अगर मैं इसे पटा लूँ तो मैं भी बुर चोद सकता हूँ ! मैंने उसे हाथ दिखा कर
इशारा किया तो वो शरमा कर हँस पड़ी। फिर मैं नीचे गया सिग्रेट पीने के लिए।
जैसे ही मैं दुकान पर पहुँचा, मैंने देखा कि वो लड़की हॉस्टल के गेट पर खड़ी
थी। मैं उसके पास गया और पूछा- आपका नाम क्या है? तो वो बोली- अनीषा ! मैंने
कहा- आप अपने नाम की तरह ही खूबसूरत हो..! फिर उसने बताया कि वो पढ़ रही है और
दोस्त बनाने में विश्वास करती है। तो मैंने कहा- अब तो हम भी दोस्त हो गए !
तो उसने फट से अपना हाथ आगे बढ़ा दिया, मैंने उसका हाथ पकड़ कर दबा दिया तो वो
बोली- आपका हाथ तो बहुत गर्म है, आपको बुखार है क्या? तो मैंने झट से कहा-
हाँ जानेमन ! और यह बुखार तो अब तुम ही शांत कर सकती हो ! तो वो बोली- यहाँ
करोगे क्या अपना बुखार शांत? मैंने पूछा- क्या कहा ? तो वो मेरी पैंट की तरफ
देखते हुए बोली- अपना बुखार यहीं शांत करोगे क्या? मैंने कहा- तो तुम बताओ कि
मैं क्या करूँ? वो बोली- पास में ही एक होटल है, जहाँ आसानी से कमरा मिल जाता
है। मैं समझ गया कि आज यह भी चुदासी हो रही है और चोदने का मजा आ जायेगा !
हमने ऑटो लिया और होटल में जाकर पति-पत्नी की तरह कमरा बुक किया ! जैसे ही
कमरे में गए, मैंने कुण्डी बंद कर ली और उसे बाहों में उठा लिया। उसके चूची
मेरे होटों के पास छू रही थी तो मैंने ऊपर से ही अपने होठों में दबा लिया, वो
"आह कर उठी।" मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और सलवार का नाड़ा खींच दिया, उसकी
सलवार नीचे सरक गई। मैंने देखा कि उसकी जांघें बहुत ही मुलायम थी। मैं उन्हें
सहलाने लगा और धीरे धीरे उसकी चूत के पास पहुँच गया मेरा हाथ ! मैंने देखा कि
उसकी पैंटी आगे से गीली हो चुकी थी। मैंने अपने होंठों में उसके पैंटी की
एलास्टिक को पकड़ा और नीचे खींच दी एक झटके में ! उसने अपनी आँखे बद कर ली।
फिर मैंने उसे उठाया और नीचे खड़ा कर दिया। अब मैंने उसकी कमीज उतार दी। उफ़
…..उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी, उसके चुचूक फड़फड़ा उठे ! मैंने तुरंत ही
दोनों चूचियों को दोनों हाथों में पकड़ कर दबा दिया ! क्या नर्म-नर्म चूचियाँ
थी उसकी… ऐसा लग रहा था जैसे मैं रुई को पकड़ कर दबा रहा था ! उसके हाथ फड़फड़ा
रहे थे ! अब मैंने उसे ऊपर से नीचे तक देखा ! वो पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी
थी ! मेरा लौड़ा अन्दर ही अन्दर फड़फड़ा रहा था ! फिर मैंने कहा- जान, मुझे नंगा
नहीं करोगी क्या? उसने मेरी पैन्ट उतार दी और मेरा जांघिया नीचे सरका दिया !
अब मेरा लंड उसके सामने था, मेरा लंड फनफना गया था ! अनीषा नीचे बैठ गई घुटने
के बल और अपने होठों में लंड पकड़ कर चूसने लगी। अनीषा- तुम्हारा लंड तो बहुत
नमकीन है ! मैंने कहा- तुम्हारी चूत भी तो बहुत खुशबू दे रही है ! मेरे होठों
से उफ़..आह…आह…ओह.. निकल रहा था, उसने सुपारे को पूरी तरह चाट लिया था। अब
मेरा माल निकलने वाला था और मैं चाहता था कि मैं भी बुर चूसूँ ! बस मैं
बिस्तर पर लेट गया और हम 69 में आ गए ! अब मेरा लंड उसके मुंह में उसकी चूत
मेरे होठों पर थी, मैं उसकी बुर के दाने को होठों के बीच पकड़ कर चूसने लगा !
वो कराह उठी- और जोर से चूसो राज ! मैंने कहा- हाँ मेरी जान ! आज तो तेरी चूत
का बाजा बजा ही दूंगा ! फिर मैंने उसे पटक दिया नीचे… और उसकी टांगों को फैला
दिया ! अब उसकी गुलाबी चूत मेरी आँखों के सामने थी। मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी
चूत में रख कर अन्दर करने की कोशिश की तो ऊँगली फिसल गई! मेरी समझ में आ गया
कि इसकी बुर कुंवारी हैं और मुझे इसे आराम से पेलना होगा। मैंने उससे पूछा-
क्या तुम्हारे पास कोल्ड क्रीम है? उसने कहा- मेरे पर्स में है। मैंने पर्स
के क्रीम निकाली और अपने हाथ में लेकर अपने सुपारे पर लगाई और उसकी बुर में
भी ! अब मैंने ऊँगली डाली उसकी चूत के अन्दर तो वो अन्दर चली गई। मैंने अपना
लंड पकड़ा और दबा दिया उसकी चूत पर रख कर ! आह….माँ ! मैं मर गई ! उसके मुँह
से चीख निकल गई। मैंने उसका मुँह दबाया और लगातार अन्दर पेलता रहा। उसकी बुर
फट गई थी और उसमें से खून निकल रहा था। मैंने उसके दर्द की परवाह नहीं की और
चोदता रहा। थोड़ी देर में उसका दर्द कम हो गया और वो भी गांड उठा-उठा कर
चुदवाने लगी। काफ़ी देर की चुदाई के बाद हमारा माल एक साथ निकल गया।